बांके बिहारी मंदिर का रहस्य | वृंदावन ठाकुर जी की कहानी

 बांके बिहारी मंदिर के वो राज जो किसी को नहीं पता 

अगर आप वृंदावन के ठाकुर जी बांके बिहारी के दर्शन करने जा रहे हे तो सबसे पहले उनके बारे में वो राज पता कर लीजिये जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है और आपको जानने में बहुत खुशी होगी, Banke Bihari Mandir कब बना था किसने बनवाया था,दर्शन करने का समय बांके बिहारी जी की पूरी कहानी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है...

बांके बिहारी मंदिर का रहस्य 

भारत देश में वृंदावन पावन भूमियों में से एक है श्री कृष्ण की नटखट लीलाओं को वृंदावन धाम को ही प्रमाण माना जाता है वृंदावन में श्री कृष्ण जी के बहुत सारे मंदिर है वृंदावन के कण कण में श्री कृष्ण का वास माना जाता है वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर चमत्कारों से भरा हुआ है बांके बिहारी जी चरणों के दर्शन साल में सिर्फ एक बार होते है वह दिन होता है अक्षय तृतीय जो वैशक मास की तृतीया पे आता है। भगवान के चरणो के दर्शन अत्यंत शुभ माने जाते है।...

बांके बिहारी मंदिर किसने बनवाया था

बांके बिहारी मंदिर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,स्वामी हरिदास श्री कृष्ण के भक्त थे वह श्री कृष्ण की की भक्ति निधिवन में क्या करते थे प्रेम भाव की भक्ति को ही देख कर श्री कृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए और निधिवन में काले रंग की मूर्ति में प्रकट हुए,स्वामी हरिदास ने अपने परिवार की सहायता से बांके बिहारी मंदिर 1864 में बांके बिहारी मंदिर का निर्माण कराया था 

बांके बिहारी मूर्ति जमीन से प्रकट हुई थी 

ये बात बिलकुल सच है बांके बिहारी मंदिर में जो भगवान जी की मूर्ति आप लोग देखते है वो किसीने बनवाई नही थी स्वामी हरिदास की भक्ति से खुश होकर बांके बिहारी जी वृंदावन में प्रकट हुए थे वृंदावन में काले रंग की मूर्ति है जिसमे राधा और कृष्णा दोनों की छवि देखने को मिलती है  

बांके बिहारी मंदिर में बार बार पर्दा क्यों लगाते हैं?

बांके बिहारी मंदिर में बहुत चमत्कार होते है उनमे से एक चमत्कार ये भी है जब भी आप बांके बिहारी मंदिर जायेंगे तो आप देखेंगे की आपको दर्शन टुकड़ों में कराए जाते है बार बार पर्दा लगा दिया जाता है वो इस लिए, एक बार बांके बिहारी जी के भक्त दर्शन करने के लिए आते है और बहुत प्रेम से मन लगाकर भगवान बांके बिहारी जी की मूर्ति को देखने लगते है, तब भगवान उस भक्त के प्रेम से खुश होकर उनके साथ ही चलने लगते है,जब पंडित जी को पता चलता है मंदिर में भगवान कृष्ण जी की मूर्ति नहीं है तो उन्होंने भगवान से बड़ी मनुहार की और वापस मंदिर में चलने को कहा,तब से आज तक बांके बिहारी जी की मूर्ति पर बार-बार पर्दा लगाने की परंपरा चली आ रही है.

बांके बिहारी नाम कैसे पड़ा 

आपको पता स्वामी हरिदास जी श्री कृष्ण के बहुत पड़े भक्त थे हरिदास जी के एक शिष्य ने जब उनसे कहा की हमें भगवन जी के दर्शन करने है हरिदास जी दर्शन करने के लिए भक्ति में लीन हो गए और भगवान श्री कृष्ण और राधा जी ने उन्हें दर्शन दिए और उनके पास रहने की इच्छा जाहिर की, स्वामी हरिदास जी ने भगवान जी से कहा हमारे पास आपके लिए लंगोट है लेकिन माता राधा के लिए हमारे पास कोई आभूषण नहीं है हम सिर्फ संत है ऐसा सुन कर श्री कृष्ण और राधा एक होकर अपनी प्रतिमा प्रकट की हरिदास जी ने इनका नाम बांके बिहारी रखा.

बांके बिहारी के दर्शन करने का समय 

Banke Bihari Mandir Timing: बांके बिहारी मंदिर के दर्शन करने का समय सुबह 7:45 पर श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। 7:55 ठाकुर बांके बिहारी की श्रृंगार आरती होगी, दोपहर 11 बजे ठाकुर बांके बिहारी को राज भोज लगाया जाया करेगा और आधे घंटे बाद  11:30 बजे फिर से ठाकुर जी के दर्शन कर पाएंगे। 11:55 बांके बिहारी जी के पट भी बंद हो जाएंगे।

शाम के समय ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए भक्तों को 5:30 बजे से रात 9:30 तक दर्शन कर सकते है 

बांके बिहारी मंदिर में खास क्या है?

अगर आप कभी भी बांके बिहारी मंदिर गए होंगे तो आपने बहुत चीजे और अन्य मंदिरों से अलग देखी होंगी आप बांके बिहारी मंदिर के ठाकुर जी के जब दर्शन करते है तो आप ध्यान देना बार बार पर्दा लगा दिया जाता है 

प्रश्न:- बांके बिहारी मंदिर कब खुलता है 
जवाब :-बांके बिहारी मंदिर सुबह 7:30 पर खुलता है 

प्रश्न:- बांके बिहारी के नाम का क्या मतलब होता है 
जवाब :- बांके बिहारी जी के नाम का मतलब होता है श्री कृष्णा 

प्रश्न:- बांके बिहारी जी की पूजा कैसे करे 
जवाब :- बांके बिहारी जी को दूध ,दही ,माखन बाल अवस्था से बहुत पसंद थे

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